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DATE - 27 JAN 24
गणतंत्र दिवस पर विशेष जानकारी
संविधान से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार से है-
* 25 भाग, 448 लेख, 12 अनुसूचियां और पांच परिशिष्ट है।
* संविधान में अबतक 106 संशोधन हुए(पोस्ट पब्लिश होने तक)
* नागरिकों के लिए छह मौलिक अधिकार और 11 मौलिक कर्तव्य हैं
26 जनवरी 1950 को ही संविधान क्युं लागु किया गया?
26(caps) जनवरी 1950 को भारत देश में संविधान लागू हुआ। अब सवाल यह भी हो सकता है, कि 26 नवंबर 1949 को संविधान बनकर तैयार हो गया था, फिर 26 जनवरी तक इसका इंतजार क्युं किया गया लागु करने के लिए तो सुनिए, 26 जनवरी 1929 अर्धरात्री में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने रावी नदी के तट पर झंडा फहराया था और पूर्ण स्वराज्य का मांग किया था। इसलिए 26 जनवरी 1950 को भारत देश का संविधान लागु हुआ। संविधान लागु होने के बाद से भारतीय संविधान में कुछ संशोधन किए गए, जो इस प्रकार से है-
1985: दल-बदल जैसे चिजों को रोकने के लिए कानून।
संविधान के 52वें संशोधन के तहत दलबदल को रोकने के लिए कानून बनाया गया। इसमें पार्टियों में शामिल होने वाले सांसदों और विधायकों को दलबदल करने पर अयोग्य घोषित करने की बहुत ही अहम व्यवस्था की गई।
1951: पहला संविधान संशोधनः पिछड़े वर्गों के लिए राज्यों को शक्तियां प्रदान की गई।
1951 में भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के शासनकाल में संविधान में पहला संशोधन हुआ। इस संशोधन में राज्यों को सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की उन्नति के लिए विशेष प्रावधान करने का अधिकार मिल गया। जिसका उद्देश्य राज्य के निम्न तबके के लोगो का उत्थान किया जाना था।
1956: राज्यों का पुनर्गठन
फजली अली के अध्यक्षता में वर्ष 1953 को राज्य पुनर्गठन आयोग कि स्थापना कि गई, जिसके अनुशंसा को व्यापक रूप से मान लिया गया, लेकिन एक राज्य एक भाषा के विचार को अस्वीकार कर दिया गया। भाषा के आधार पर राज्यों के गठन को एस के धर समिती के ने पुर्णत अस्वीकार कर दिया। इसके बाद तेलगु भाषा के लिए अलग राज्य के मांग के लिए पी राममुल्लु के द्वारा आमरण अनशन कर दिया 56 दिन के अनशन के बाद राममुल्लु कि मृत्यु हो गई, उसके बाद 01 अक्टूबर 1953 में आंध्र प्रदेश राज्य के गठन के मांग को तात्कालिन प्रधानमंत्री श्री नेहरू के द्वारा स्वीकार कर लिया गया, इस प्रकार भाषा के आधार पर गठित पहला राज्य आंध्र प्रदेश बना।
1964: ज़मीन के बदले बाज़ार मूल्य देने का कानुन।
नेहरू सरकार ने सविधान में संशोधन कर राज्यों के समुह क, ख, ग और घ में वर्गीकरण समाप्त कर दिया गया तथा केंद्रशासित प्रदेशों की कि स्थापना कि गई। इस अधिनियम में सभी राज्यों को सूचीबद्ध किया गया व उन्हें भाषा के आधार पर विभाजित कर दिया गया।
संविधान में 1964 में हुए संशोधन के तहत यदि भूमि का बाजार मूल्य बतौर मुआवजा के रूप न दिया जाए, तो व्यक्तिगत हितों के लिए जमीन का अधिग्रहण मान्य नहीं होगा, और उसे प्रतिबंधित कर दिया गया।
1976: संविधान कि प्रस्तावना में समाजवादी, धर्मनिरपेक्षता शब्द जोड़े दिए गए।
संविधान में वर्ष 1976 में 42वें संशोधन किया गया जिसके तहत संविधान के प्रस्तावना में संशोधन किया गया। इसमें समाजवादी, पंथनिरपेक्षता तथा अखंडता तीन नए शब्द जोड़े दिया गया। प्रस्तावना में कहा गया कि भारत समाजवादी और पंथनिरपेक्ष देश होगा। साथ ही साथ इस बात पर भी जोर दिया गया, कि राष्ट्र की एकता एवं अखंडता हमेशा बना रहे।
1989: वोट देने की उम्र 18 तय की गई।
संविधान में संशोधन कर मतदान करने कि अधिकार का दायरा बढा दिया गया अर्थात् उम्र सीमा कम कर दिया गया। इस संविधान संशोधन के द्वारा मतदान के उम्र को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया। यह एक चुनावी फैसला था, जिसे तत्कालिन सरकार के द्वारा लागु कर दिया गया था।
1992: पंचायतों में सभी को प्रतिनिधित्व दिया गया।
केंद्र ने स्थानिय स्वशासन से देश के विकास के लिए पंचायती राज व्यवस्था एवं नगरीय व्यवस्था के अनिवार्यता को देखते हुए संविधान में दो संशोधन किए। 73 वें संविधान संशोधन के द्वारा पंचायती राज संस्थानों को संवैधानिक दर्जा तथा संरक्षण दिया। 74 वें संविधान संशोधन के द्वारा नगरीय राज संस्थानों को संवैधानिक दर्जा तथा सरंक्षण प्रदान किया गया, इसके साथ ही इसमें आरक्षण कि व्यवस्था की गई, जिसे कि सबको बराबर प्रतिनिधित्व मिल पाए।
2002: शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया गया।
मुल संविधान निर्माताओं के द्वारा शिक्षा के अधिकार को मुल अधिकार नहीं बनाया था। वर्ष 2002 में शिक्षा के अधिकार को 6-14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए मौलिक अधिकार बना दिया गया, और इसे संविधान के अनु. 21(क) में स्थान दिया गया।
2016: देश में जीएसटी कानून लागु किया गया।
मोदी सरकार के द्वारा 2016 में संसद में 101वां संविधान संशोधन बिल पेश किया तथा पारित करवाया, इसके बाद जीएसटी को लागु करने के लिए अनुच्छेद 246 में सशोधन किया गया और इसे सभी राज्यों में लागु कर दिया गया।
2019: आर्थिक रूप से कमजोर समान्य जाति को आरक्षण।
मोदी सरकार ने 2019 में संसद में 103 वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया गया तथा इसे पास भी करवा दिया गया जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर समान्य जाति के लोगो को विश्वविद्यालयों व नौकरियों में 10 प्रतिशत का आरक्षण प्रदान किया गया।
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